गोपालदास “नीरज”
- ओ प्यासे अधरोंवाली / गोपालदास नीरज
- दर्द दिया है (कविता) / गोपालदास नीरज
- पीछे / गोपालदास नीरज
- दूर से दूर तलक एक भी दरख्त न था / गोपालदास नीरज
- अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए / गोपालदास नीरज
- हम तेरी चाह में, ऐ यार ! वहाँ तक पहुँचे / गोपालदास नीरज
- तमाम उम्र मैं इक अजनबी के घर में रहा / गोपालदास नीरज
- रीती सागर का क्या होगा / गोपालदास नीरज
- मैं पीड़ा का राजकुँवर हूँ / गोपालदास नीरज
- सारा जग बंजारा होता / गोपालदास नीरज
- जूड़े घटाओं के / गोपालदास नीरज
- अब के सावन में ये शरारत मेरे साथ हुई / गोपालदास नीरज
- खुशबू सी आ रही है इधर ज़ाफ़रान की / गोपालदास नीरज
- जब चले जाएँगे हम लौट के सावन की तरह / गोपालदास नीरज
- गगन बजाने लगा जल-तरंग फिर यारों / गोपालदास नीरज
- यदि वाणी भी मिल जाए दर्पण को / गोपालदास नीरज
- अधिकार सबका है बराबर / गोपालदास नीरज
- हर दर्पन तेरा दर्पन है / गोपालदास नीरज
- दीप और मनुष्य / गोपालदास नीरज
- मेरा इतिहास नहीं है / गोपालदास नीरज
- कफ़न है आसमान / गोपालदास नीरज
- छोड़ दी पतवार / गोपालदास नीरज
- पिया दूर है न पास है / गोपालदास नीरज
- लहरों में हलचल / गोपालदास नीरज
- क्यों उसको जीवन भार ना हो / गोपालदास नीरज
- मरण-त्योहार / गोपालदास नीरज
- दिया जलता रहा / गोपालदास नीरज
- कितने दिन चलेगा / गोपालदास नीरज
- तुमने कितनी निर्दयता की / गोपालदास नीरज
- तमाम उम्र मैं इक अजनबी के घर में रहा / गोपालदास नीरज
- जितना कम सामान रहेगा / गोपालदास नीरज
- अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए / गोपालदास नीरज
- मुक्तक / गोपालदास नीरज
- सत्ताईस हाइकु / गोपालदास नीरज
- कारवाँ गुज़र गया / गोपालदास नीरज
- स्वप्न झरे फूल से, मीत चुभे शूल से / गोपालदास नीरज
- चलते-चलते थक गए पैर / गोपालदास नीरज
- मैं तुम्हें अपना / गोपालदास नीरज
- कानपुर के नाम / गोपालदास नीरज
- आज है तेरा जनम दिन, तेरी फुलबगिया में / गोपालदास नीरज
- शाम का वक्त है ढलते हुए सूरज की किरन / गोपालदास नीरज
- आज की रात बड़ी शोख बड़ी नटखट है / गोपालदास नीरज
- आज की रात तुझे आख़िरी ख़त और लिख दूँ / गोपालदास नीरज
- कितनी अतृप्ति है / गोपालदास नीरज
- नींद भी मेरे नयन की / गोपालदास नीरज
- अब तुम्हारा प्यार भी / गोपालदास नीरज
- जीवन जहाँ / गोपालदास नीरज
- मानव कवि बन जाता है / गोपालदास नीरज
- बन्द करो मधु की / गोपालदास नीरज
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