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जाने वालों से / निदा फ़ाज़ली

जानेवालों से राब्ता रखना

दोस्तो, रस्मे-फातहा रखना |


जब किसी से कोई गिला रखना

सामने अपने आइना रखना |


घर की तामीर चाहे जैसी हो

इसमें रोने की कुछ जगह रखना |


जिस्म में फैलने लगा है शहर

अपनी तन्हाईयाँ बचा रखना |


मस्जिदें हैं नमाज़ियों के लिए

अपने दिल में कहीं खुदा रखना |


मिलना-जुलना जहाँ ज़रूरी हो

मिलने-जुलने का हौसला रखना |


उम्र करने को है पचास पार

कौन है किस जगह पता रखना |

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