Qateel Shifai
- गम के सहराओ में / Qateel Shifai
- बशर के रूप में एक दिलरूबा तलिस्म बनें / Qateel Shifai
- आओ कोई तफरीह का सामान किया जाए / Qateel Shifai
- हाथ दिया उसने मेरे हाथ में / Qateel Shifai
- मुझे आई ना जग से लाज / Qateel Shifai
- जब भी चाहें एक नई सूरत बना लेते हैं लोग / Qateel Shifai
- अंगड़ाई पर अंगड़ाई लेती है रात जुदाई की / Qateel Shifai
- अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझ को / Qateel Shifai
- अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ / Qateel Shifai
- सारी बस्ती में ये जादू / Qateel Shifai
- तूने ये फूल जो ज़ुल्फ़ों में लगा रखा है / Qateel Shifai
- बेचैन बहारों में क्या-क्या है / Qateel Shifai
- चराग़ दिल के जलाओ कि ईद का दिन है / Qateel Shifai
- दर्द से मेरा दामन भर दे या अल्लाह / Qateel Shifai
- दुनिया ने हम पे जब कोई इल्ज़ाम रख दिया / Qateel Shifai
- इक-इक पत्थर जोड़ के मैनें जो दीवार बनाई है / Qateel Shifai
- जो भी ग़ुंचा तेरे होंठों पर खिला करता है / Qateel Shifai
- किया है प्यार जिसे हम ने ज़िंदगी की तरह / Qateel Shifai
- मैनें पूछा पहला पत्थर मुझ पर कौन उठायेगा / Qateel Shifai
- मिल कर जुदा हुए तो न सोया करेंगे हम / Qateel Shifai
- पहले तो अपने दिल की रज़ा जान जाइये / Qateel Shifai
- परेशाँ रात सारी है सितारों तुम तो सो जाओ / Qateel Shifai
- प्यास वो दिल की बुझाने कभी आया ही नहीं / Qateel Shifai
- रची है रतजगो की चांदनी जिन की जबीनों में / क़तील शिफ़ाई
- सदमा तो है मुझे भी के तुझसे जुदा हूँ मैं / क़तील शिफ़ाई
- शाम के साँवले चेहरे को निखारा जाये / क़तील शिफ़ाई
- तुम पूछो और मैं ना बताऊँ ऐसे तो हालात नहीं / Qateel Shifai
- तुम्हारी अंजुमन से उठ के दीवाने कहाँ जाते / Qateel Shifai
- उल्फ़त की नई मंज़िल को चला तू / Qateel Shifai
- वफ़ा के शीशमहल में सजा लिया मैनें / Qateel Shifai
- वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे / Qateel Shifai
- यारो किसी क़ातिल से कभी प्यार न माँगो / Qateel Shifai
- ये मोजज़ा भी मुहब्बत कभी दिखाये मुझे / Qateel Shifai
- यों लगे दोस्त तेरा मुझसे ख़फ़ा हो जाना / Qateel Shifai
- यूँ चुप रहना ठीक नहीं कोई मीठी बात करो / Qateel Shifai
- ज़िन्दगी में तो सभी प्यार किया करते हैं / Qateel Shifai
- काम आ गई दीवानगी अपनी / Qateel Shifai
- शम्मअ़-ए-अन्जुमन / Qateel Shifai
- निगाहों में ख़ुमार आता हुआ महसूस होता है / Qateel Shifai
- दुनिया ने हम पे जब कोई इल्ज़ाम रख दिया / Qateel Shifai
- तुम्हारी अंजुमन से उठ के दीवाने कहाँ जाते / Qateel Shifai
- यह मोजज़ा भी मुहब्बत कभी दिखाए मुझे / Qateel Shifai
- नामाबर अपना हवाओं को बनाने वाले / Qateel Shifai
- पत्थर उसे न जान पिघलता भी देख उसे / Qateel Shifai
- दिल को ग़मे-हयात गवारा है इन दिनों / Qateel Shifai
- उफ़ुक़ के उस पार ज़िन्दगी के उदास लम्हे उतार आऊँ / Qateel Shifai
- तीन कहानियाँ / Qateel Shifai
- हर बे-ज़बाँ को शोला नवा कह लिया करो / Qateel Shifai
- लिख दिया अपने दर पे किसी ने इस जगह प्यार करना मना है / Qateel Shifai
- किया इश्क था जो / Qateel Shifai
- देखते जाओ मगर कुछ भी / Qateel Shifai
- प्यार की राह में ऐसे भी मकाम आते हैं/ Qateel Shifai
- दिल पे आए हुए इल्ज़ाम से पहचानते हैं / Qateel Shifai
- हालात से ख़ौफ़ खा रहा हूँ / Qateel Shifai
- जब अपने एतिक़ाद के महवर से हट गया / Qateel Shifai
- क्या जाने किस ख़ुमार में / Qateel Shifai
- मंज़िल जो मैं ने पाई तो शशदर भी मैं ही था / Qateel Shifai
- फूल पे धूल बबूल पे शबनम देखने वाले देखता जा / Qateel Shifai
- शायद मेरे बदन की रुसवाई चाहता है / Qateel Shifai
- सिसकियाँ लेती हुई ग़मगीं हवाओ चुप रहो / Qateel Shifai
- तड़पती हैं तमन्नाएँ किसी आराम से पहले / Qateel Shifai
- विसाल की सरहदों तक आ कर जमाल तेरा पलट गया है / Qateel Shifai
- खुला है झूठ का बाज़ार आओ सच बोलें / Qateel Shifai
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