मीरा ठाकुर
(१)
मीठे हैं बोल
मिसरी रहे घोल
मन अमोल
(२)
वर्षा का पानी
देता है जिंदगानी
यही रवानी
(३)
है अमराई
न अगर बौराए
कैसे दे साए
(४)
है अंहकार
भीषण अंधकार
जाना है पार
(५)
जग वीरान
गहरी पहचान
एक मुस्कान
(६)
मगरमच्छ
कठोर और सख्त
दिल नरम
(७)
उलझे रास्ते
अनचाही गलियाँ
बदहवास
(८)
लेखन नशा
कवि कहानी गीत
मन का मीत
(९)
बीता गुबार
जरूरी था संघर्ष
मुदित मन
(१०)
स्कूल की बस
चहल पहल सी
खुशबू फूल
मीठे हैं बोल
मिसरी रहे घोल
मन अमोल
(२)
वर्षा का पानी
देता है जिंदगानी
यही रवानी
(३)
है अमराई
न अगर बौराए
कैसे दे साए
(४)
है अंहकार
भीषण अंधकार
जाना है पार
(५)
जग वीरान
गहरी पहचान
एक मुस्कान
(६)
मगरमच्छ
कठोर और सख्त
दिल नरम
(७)
उलझे रास्ते
अनचाही गलियाँ
बदहवास
(८)
लेखन नशा
कवि कहानी गीत
मन का मीत
(९)
बीता गुबार
जरूरी था संघर्ष
मुदित मन
(१०)
स्कूल की बस
चहल पहल सी
खुशबू फूल
No comments: